दिल्‍ली के लोग रोजाना इस चौक से गुजरते हैं, फिर भी नहीं जानते इसका असली नाम

नई दिल्‍ली. राजधानी दिल्‍ली के लाखों लोग रोजाना सुबह और शाम इस चौक से गुजरते हैं. अगर इन लोगों से इनका असली नाम पूछा जाए तो ज्‍यादातर लोग गलत ही बताएंगे. इसका असली नाम पता ही नहीं होगा. हालांकि चौराहे पर इसका सही नाम भी लिखा है. तापमान मीटर और घड़ी लगी होने से इस ओर नजर भी जाती होगी, फिर भी लोग सही नाम नहीं जानते होंगे. आइए जानें यह राजधानी का कौन सा चौराहा है?

जी हां, यहां राजधानी के सबसे व्‍यस्‍त चौराहे में से एक आईटीओ चौराहे की बात की जा रही है, जो राजधानी के बीचों-बीच है. यहां से रोजाना 6 से 7 लाख वाहन गुजरते हैं. ज्‍यादातर ट्रैफिक सुबह और शाम का ही होता है. इस चौराहे का इस्‍तेमाल पूर्वी दिल्‍ली के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के लोग मध्‍य दिल्‍ली जाने के लिए इस्‍तेमाल करते हैं. ट्रैफिक अधिक होने से प्रदूषण का स्‍तर भी यहां पर ज्‍यादा रहता है.

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पुराना नाम इस वजह से पड़ा था

यहां इनकम टैक्‍ स आफिस (आईटीओ) है, शॉर्ट में इसको आईटीओ कहते हैं. इसी वजह से इसके पास बने चौराहे को आईटीओ कहा जाता है. दिल्‍ली और दिल्‍ली के बाहर के लोग भी इसे नाम से जानते हैं.

बदल चुका है इसका नाम

करीब 15 वर्ष पहले इसका नाम बदल चुका है. जब दिल्‍ली में कांग्रेस की सरकार थी, उस समय इस चौराहे का नाम स्‍वतंत्रता सेनानी लाला रामचरण अग्रवाल के नाम पर रखा गया था. तब से इसका नाम बदल गया है. कागजों में लाला रामचरण अग्रवाल चौक ही दर्ज है. दिल्‍ली पुलिस इस चौराहे का नाम लाल रामचरण अग्रवाल चौक लिखती है. चौराहे पर संकेतक भी लगा है, लोग पढ़ते भी हैं, फिर भी लोग इसका गलत नाम पुकारते हैं.

गौरतलब है कि लाला रामचरण अग्रवाल कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल के पिता हैं. जेपी अग्रवाल दिल्‍ली प्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष रह चुके हैं.

2024-06-11T14:35:28Z dg43tfdfdgfd